الرئيسية تعرف على الإسلام फरिश्तों पर ईमान (हिन्दी)

फरिश्तों पर ईमान (हिन्दी)

تشغيل
عرض المحتوى باللغة العربية

फरिश्तों पर ईमान (हिन्दी)

اللغة: हिन्दी
إعداد: अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
نبذة مختصرة:
फरिश्तों पर ईमानः प्रस्तुत वीडियो में इस्लाम के स्तंभों में से एक स्तंभ ’फरिश्तों पर ईमान’ का उल्लेख किया गया है। फरिश्ते एक अदृश्य मख्लूक़ हैं जो अल्लाह तआला की इबादत करते हैं, उन्हें रुबूबियत और उलूहियत की विशेषताओं में से किसी भी चीज़ का अधिकार नहीं, अल्लाह तआला ने उन्हें नूर (प्रकाश) से पैदा किया है और उन्हें अपने आदेश का सम्पूर्ण अनुपालन और उसे लागू करने की भर पूर शक्ति प्रदान की है। फरिश्तों पर ईमान लाने में चार चीज़ें सम्मिलित हैं : 1- उनके वजूद (अस्तित्व) पर ईमान लाना। 2- उन में से जिन के नाम हमें ज्ञात हैं (उदाहरणतः जिब्रील अलैहिस्सलाम) उन पर उनके नाम के साथ ईमान लाना, और जिनके नाम ज्ञात नहीं उन पर सार रूप से ईमान लाना। 3- उनकी जिन विशेषताओं को हम जानते हैं उन पर ईमान लाना, उदाहरण स्वरूप जिब्रील अलैहिस्सलाम की विशेषता के विषय में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने यह सूचना दी है कि आप ने उनको उन की उस आकृति (शक्ल) पर देखा है जिस पर उनकी पैदाईश हुई है, उस समय उनके छः सौ पर थे जो छितिज (उफुक़) पर छाए हुए थे। 4- अल्लाह तआला के आदेश से फरिश्ते जो कार्य करते हैं उन में से जिन कार्यों का हम को ज्ञान है उन पर ईमान लाना, उदाहरण स्वरूप अल्लाह तआला की तस्बीह (पवित्रता) बयान करना और किसी उदासीनता और आलस्य के बिना, रात-दिन उसकी उपासना में लगे रहना। इसी तरह फरिश्तों पर ईमान लाने के कुछ लाभों का उल्लेख किया गया है।