आमंत्रणः अल्लाह सर्वशक्तिमान ने अपने ईश्दूत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को सर्व मानवजाति के लिए अपना अंतिम संदेष्टा बनाकर भेजा। यह एक ऐसे समय पर घटित हुआ जब अरब के लोग लड़कियों को जीवित गाड़ दिया करते थे, आपस में मामूली बात पर कट-मरते थे, मूर्तियों की पूजा करते थे, महिलाओं पर अत्याचार और उनका अपमान करते थे। ऐसी गंभीर परिस्थिति में, अल्लाह ने आपको मानवजाति के लिए दया व करुणा बनाकर अवतिरत किया। आप ने लोगों कों सत्य-धर्म, सफलता और सौभाग्य का मार्ग दर्शाया, उन्हें मूर्तियों की पूजा से निकालकर एकमात्र सर्वशक्तिमान अल्लाह की उपासना पर लगाया, और समाज के सभी सदस्यों के लिए उनके अधिकारों को सुनिश्चित किया। अतः मानवता के लिए सौभाग्य और शांति केवल इस्लाम की शिक्षाओं में है। इस्लाम के लिए आमंत्रित करना यथाशक्ति हर मुसलमान की ज़िम्मेदारी है। हर मुसलमान को अपने इस्लाम-ज्ञान के अनुसार अल्लाह के धर्म की ओर आमंत्रण देना चाहिए, तथा उसे इसके लिए शिष्टाचार से भी सुसज्जित होना चाहिए।
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